Roza Kholne Ki Dua In Hindi
रमजान का महीना हम सब के लिए सबसे अहम और मुक़द्दस महीना होता है। इस महीने में की गई एक नेकी का सवाब सत्तर गुना बढ़ जाता है। रमजान के रोज़े रखना हमारे लिए अल्लाह की तरफ से एक बेहतरीन तोहफा है।
आज मैं आपको Roza Kholne Ki Dua In Hindi हिंदी, उर्दू, और इंग्लिश तर्जुमे के साथ बताऊंगा। यह दुआ बहुत अहम है क्योंकि इसके जरिए हम अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं और अपनी इबादत को मुकम्मल करते हैं।
आपसे गुज़ारिश है कि इस मज़मून को आखिरी तक ज़रूर पढ़ें। इंशाअल्लाह, ये आपके लिए बहुत नफ़ा वाला साबित होगा।
Roza Kholne Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु,व-बिका आमन्तु,व अलैका तवक्कल्तु,व अला रिज़किका अफतरतू
तर्जुमा- ऐ अल्लाह मैंने तेरी खातिर रोजा रखा और तेरे उपर ईमान लाया और तुझ पर भरोसा किया और तेरे रिज्क से इसे खोल रहा हूं।
Roza Kholne Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمَّ اِنِّي لَکَ صُمْتُ وَ بِکَ اٰمَنْتُ وَ عَلَيْکَ تَوَ کّلْتُ وَ عَلى رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ
Roza Kholne Ki Dua In English
Allahumma inni laka sumtu, wa bika aamantu, wa alaika tawakkaltu, wa ala rizqika aftartu
“O Allah! I fasted for You, and I believe in You, and I put my trust in You, and with Your sustenance, I break my fast.”
रमजान के रोज़े रखने की फ़ज़ीलत
रमज़ान का लफ़्ज़ “रमज़” से निकला है जिसका मतलब है “जलाना”। ये महीना इबादत के ज़रिये हमारे गुनाहों को जलाने और उसे पाकीज़ा बनाने का एक ज़रिया बनता है जो अल्लाह ताला ने हमें अता किया है इस महीने में हऍम सब मुसलमान रोज़े रखते हैं, क़ुरआन की कसरत से तिलावत करते हैं, नमाज़ों की पाबंदी करते हैं, और अल्लाह तआला की क़ुर्बत हासिल करने की कोशिश करते हैं।
रोज़ा: तक़वा और परहेज़गारी का ज़रिया
रोज़ा रखने का मक़सद सिर्फ़ भूखा और प्यासा रहना नहीं है, बल्कि इसका असल मक़सद तक़वा और परहेज़गारी पैदा करना है। क़ुरआन मजीद में अल्लाह तआला फ़रमाते हैं:
يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ كُتِبَ عَلَيۡكُمُ ٱلصِّيَامُ كَمَا كُتِبَ عَلَى ٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِكُمۡ لَعَلَّكُمۡ تَتَّقُونَ
या अय्युहल्लज़ीना आमनू कुतिबा अलैकुमुस-सियामु कमा कुतिबा अलल्लज़ीना मिन क़ब्लिकुम ला’अल्लकुम तत्तक़ून”
(सूरह अल-बक़रह: 183)
तरजुमा: “ऐ ईमान वालो! तुम पर रोज़े फ़र्ज़ किए गए हैं जैसे तुमसे पहले लोगों पर फ़र्ज़ किए गए थे ताकि तुम परहेज़गार बन जाओ।”
क़ुरआन मजीद की नुज़ूल का महीना
रमज़ान का महीना वो मुक़द्दस महीना है जिस महीने में क़ुरान नाज़िल हुआ था। क़ुरान वो मुक़द्दस किताब है जो। हमारे लिए अल्लाह की तरफ से हिदायत का ज़रिया है। इस महीने में क़ुरआन की तिलावत का ख़ास एहतिमाम किया जाता है और मुसलमान इसके मानी और मफ़हूम पर ग़ौर-ओ-फ़िक्र करते हैं।
सदक़ा-ओ-ख़ैरात
रमज़ान मुबारक महीने में सदक़ा-ओ-ख़ैरात का अमल भी बहुत फ़ज़ीलत वाला है। इस महीने में ज़कात की अदायगी और ग़ुरबा-ओ-मसाकीन की मदद को ख़ास अहमियत दी जाती है। इस महीने में हमें ज़्यादा से ज़्यादा नेकियां करने की कोशिश करना चाहिए और गुनाहो से बचना चाहिए ताकि हमें अल्लाह तआला की रज़ा हासिल हो।
आखिरी बात
रमज़ान का महीना अल्लाह तआला की बेमिसाल रहमतों और बरकतों का महीना है। इस महीने में हम सब को चाहिए कि हमें अपनी ज़िंदगी को अल्लाह की मर्ज़ी के मुताबिक़ ढालने की कोशिश करे और ज़्यादा से ज़्यादा नेकियां जमा करे ताकि दुनिया और आख़िरत में कामयाब हो सके।
उम्मीद करता हूँ कि आपको Roza Kholne Ki Dua In Hindi याद हो गई होगी और हमारी ये छोटी सी कोशिश आपके काम आई होगी। आपसे गुज़ारिश है कि इस इल्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ज़रूर शेयर करें।
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