Chand Dekhne Ki Dua | नया चाँद देखने की रहमत भरी दुआ
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों,
इस्लामी तालीमात में चाँद देखने की दुआ एक अहम दुआ है, जो हम नया चाँद देखते वक्त पढ़ते हैं। अगर आपको नया चाँद देखने की दुआ याद नहीं है, तो यह मज़मून आपके बहुत काम आने वाला है। इस मज़मून में, Chand dekhne ki dua और उनकी फ़ज़ीलत के बारे में तफ़सील से बात करेंगे।
नया चाँद देखने की दुआ का मकसद अल्लाह तआला से बरकत और रहमत की दुआ करना है, ताकि नया महीना हमारे लिए खैर और बरकत के साथ गुज़रे।
आज मैं आपको Naya Chand Dekhne Ki Dua हिंदी, उर्दू और इंग्लिश तर्जुमे के साथ बताऊंगा। आपसे गुजारिश है कि इस मज़मून को पूरा जरूर पढ़ें। इंशाल्लाह, आपको यह दुआ याद हो जाएगी।
चाँद देखने की दुआ अरबी में | Chand Dekhne Ki Dua in Arabic
اَللّٰهُمَّ أَهِلَّهُ عَلَيْنَا بِالْيُمْنِ وَالْإِيمَانِ وَالسَّلَامَةِ وَالْإِسْلَامِ رَبِّي وَرَبُّكَ اللّٰہُ
चाँद देखने की दुआ
अल्लाहुम्मा अहिल्हू अलयना बिल-युमनी वल-ईमानि वस-सलामती वल-इस्लामि, रब्बी व रब्बुका अल्लाह।
तर्जुमा- “ऐ अल्लाह! इस चाँद को हम पर बरकत, ईमान और सलामती वाला बना दे। हमें ऐसी नेकियां करने की तौफीक दे जो तुझे पसंद हों। ऐ चांद! मेरा और तेरा रब अल्लाह ही है।”
Naya Chand Dekhne Ki Dua In English
Allahumma Ahilhu Alayna Bil-Yumni Wal-eemani Was Salaamati Wal-Islaami, Rabbi Wa Rabbu-ka Allah.
Translation: “O Allah, make this moon a source of blessings, faith, and safety for us. Grant us the ability to do good deeds that are pleasing to You. O moon, my Lord and your Lord is Allah alone.”
चांद देखने की दुआ का वक्त
चाँद देखने की दुआ (Chand Dekhne Ki Dua) का सबसे बेहतरीन वक्त वही होता है जब हमें नया चाँद नज़र आता है, चाहे वो रमज़ान का चांद हो या किसी और महीने का। दुआ पढ़ते वक़्त चाँद की तरफ़ देखते हुए इस दुआ को दिल की गहराइयों से पढ़ना हमें अल्लाह के करीब करता है क्यूंकि अल्लाह तआला दुआ करने वालो को पसंद करता है।
चाँद देखने की सुन्नत
नया चाँद देखने की दुआ पढ़ना नबी करीम ﷺ की सुन्नत मुबारक़ा में शामिल है आपको जब भी नया चाँद नज़र आता, आप ﷺ अल्लाह से बरकत की दुआ फ़रमाते थे। आपने अपनी उम्मत को भी यही तालीम दी है कि नया चाँद देखते ही ये दुआ पढ़ें और अल्लाह से बरकतें तलब करें।
चांद देखने की दुआ की फ़ज़ीलत
नया चाँद देखने की दुआ की फज़ीलत:
- बरकत और रहमत की तलब:
- जब हम नया चाँद देखकर चाँद देखने की दुआ (Chand Dekhne Ki Dua) पढ़ते है, तो हम अल्लाह तआला से नए महीने के लिए बरकत और रहमत की दुआ मांगते हैं। ये दुआ हमारी ज़िन्दगी में अल्लाह की बेशुमार नेमतों को बुलाती है और हमें हिफाज़त में रखती है।
- ईमान की ताज़गी:
- इस दुआ के जरिए हमारा ईमान ताज़ा होता है। यह हमें याद दिलाता है कि हम और ये चाँद, दोनों ही अल्लाह के बनाए हुए हैं, और सिर्फ़ वही हमारा रब है। इससे हमारे दिल में अल्लाह पर भरोसा और बढ़ता है।
- सलामती और हिफाज़त:
- दुआ में सलामती और हिफाज़त की दरख्वास्त होती है। इसे पढ़ने से अल्लाह तआला हमारी हिफाज़त करता है और हमें हर तरह की मुसीबतों से महफूज़ रखता है, जिससे हम अमन और सुकून की ज़िन्दगी जी सकें।
- नबी करीम ﷺ की सुन्नत पर चलने का सवाब:
- यह दुआ पढ़ना हमारे नबी करीम ﷺ की सुन्नत है। इस पर अमल करके हम न सिर्फ़ सवाब हासिल करते हैं, बल्कि हमारे दिल को रूहानी सुकून भी मिलता है। सुन्नत पर अमल करना हमारी ज़िन्दगी में बरकत और रहमत लाता है।
- नए महीने का रूहानी आग़ाज़:
- नया चाँद देखकर दुआ पढ़ना एक रूहानी आग़ाज़ की निशानी है। ये दुआ हमें नए महीने के लिए अल्लाह से बेहतरी की उम्मीद दिलाती है और यह याद दिलाती है कि हर महीना हमारे लिए एक नया मौक़ा है, जिसे हम इबादत और दुआ से बेहतर बना सकते हैं।
बच्चों की तालीम में चांद देखने की दुआ
हम सभी को अपने बच्चो को शुरू से ही चांद देखने की दुआ सिखाना बहुत ज़रूरी है ताकि उनके दिल में इस्लामी तालीमात की मोहब्बत पैदा हो और वो सही तरीक़े से दीन को समझ सकें।
नतीजा
चाँद देखने की दुआ (Naya Chand Dekhne Ki Dua) हमें अल्लाह के क़रीब लाती है और हमें ज़िंदगी के हर लम्हे में अल्लाह की याद दिलाती है। हमें चाहिए कि हम इस दुआ को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं और हर इस्लामी महीने की शुरुआत इसी दुआ से करें।
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आपको चांद देखने की दुआ और उसका मतलब दोनों याद हो गए होंगे। मेरी आपसे गुज़ारिश है कि इस क़ीमती इल्म को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी ज़रूर शेयर करें, ताकि वो भी इस दुआ को याद कर सकें और इसकी बरकतों से फायदा उठा सकें।
अगर आप और दुआएं सीखना चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें! मैंने पिछले मज़मून में “तस्बीह पढ़ने का सही तरीका” बताया था। इसे ज़रूर पढ़ें और अपने इस्लामी इल्म में इज़ाफ़ा करें।
FAQs
चाँद देखने की दुआ कब पढ़नी चाहिए?
नया चाँद नज़र आने के फ़ौरन बाद चांद देखते हुए यह दुआ पढ़नी चाहिए।
क्या चाँद देखने के लिए किसी खास जगह की ज़रूरत होती है?
चाँद देखने के लिए कोई मख़सूस जगह नहीं है, लेकिन खुली जगह पर चांद देखना बेहतर होता है।
क्या चाँद देखने की दुआ सिर्फ़ रमज़ान के महीने में पढ़ी जाती है?
नहीं, यह दुआ हर नए महीने के चांद के लिए पढ़ना मुस्तहब है।
अगर चाँद नजर न आए तो क्या दुआ पढ़ सकते हैं?
अगर चाँद नजर नहीं आता है, तो इस खास दुआ को पढ़ने की जरूरत नहीं है। लेकिन आप अल्लाह से बरकतों और रहमतों की दुआ हमेशा कर सकते हैं।
क्या बच्चे भी चांद देखने की दुआ पढ़ सकते हैं?
जी हां, बच्चों को भी चांद देखने की दुआ सिखानी चाहिए। यह उनकी तालीम और तरबियत का हिस्सा है और उन्हें इस्लामी तालीमात के करीब लाता है।