Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua: खैर और बरकत का दरवाज़ा खोले

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Ghar me dakhil hone ki dua

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, अगर आप भी Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua याद करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत काम आने वाला है। आज मैं आपको घर में दाखिल होने की दुआ और इस दुआ की फ़ज़ीलत पर तफ्सील से बताऊंगा।

घर में दाखिल होते वक़्त “घर में दाखिल होने की दुआ” पढ़ना एक अहम इस्लामी अमल है, जो हमें हिफाज़त में रखती है और हमें रूहानी सुकून भी फराहम करती है।

आज हम घर से निकलने की दुआ हिंदी, इंग्लिश और अरबी तर्जुमे के साथ जानेंगे। आपसे गुज़ारिश है कि आखिरी तक जरूर पढ़ें।

दुआ की अहमियत

जैसा कि हम सभी जानते हैं, घर एक ऐसी जगह है जहाँ हमें सुकून, राहत और इत्मीनान मिलता है। जब भी हम घर में दाखिल होते हैं, उस वक्त हमें घर में दाखिल होने की दुआ ज़रूर पढ़नी चाहिए और अल्लाह तआला का शुक्र अदा करना चाहिए। इस्लामी तालीमात में दुआ का एक खास मकाम है, और हर काम की शुरुआत में अल्लाह तआला का नाम लेना बहुत ज़रूरी है।

नवी करीम, मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया, “जब आप में से कोई अपने घर में दाखिल होता है और अल्लाह का नाम लेता है (बिस्मिल्लाह कहता है) और (घरवालों को) सलाम करता है, तो शैतान भाग जाता है।” (सहिह बुखारी)

اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ خَيْرَ الْمَوْلَجِ وَخَيْرَ الْمَخْرَجِ بِسْمِ اللَّهِ وَلَجْنَا وَ بِسْمِ اللَّهِ خَرَجْنَا وَ عَلَى اللَّهِ رَبِّنَا تَوَكَّلْنَا

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In Hindi

“अल्ला हुम्मा इन्नी अस अलुका खैरल मौलजी वा खैरल मखरजी

बिस्मिल्लाही व लजना व बिस्मिल्लाहि खरजना व अलल्लाही रब्बिना तवक्कलना।”

तर्जुमा- ऐ अल्लाह, मैं आपसे अंदर आने और बाहर जाने की भलाई मांगता हूँ अल्लाह के नाम से हम अंदर आए और अल्लाह के नाम से हम बाहर निकले, और हमने भरोसा किया है अल्लाह पर जो हमारा रब है।

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua

Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In English

“Allahumma Inni Asaluka Khairal Maulji Wa Khairal Makhraji. Bismillahi Walajna Wa Bismillahi Kharajna Wa Alal-lahi Rabbina Tawakalna.”

Translation: O Allah, I seek a good entry and a good exit. We take Allah’s name to enter and to exit and rely on Him who is our Lord.

दुआ की बरकतें

घर में दाखिल होने की दुआ की 5 सबसे अहम् फ़ज़ीलतें:

  1. बरकतों का नज़ूल: दुआ पढ़ने से घर में अल्लाह की बरकतें नाज़िल होती हैं, जिससे सुकून और खुशहाली कायम रहती है।
  2. शैतान से हिफाज़त: यह दुआ शैतान को घर से दूर रखती है, जिससे घर वाले उसके शर से महफूज़ रहते हैं।
  3. अल्लाह पर भरोसा: इस दुआ के ज़रिए हम हर काम में अल्लाह की मदद और रहमत के तलबगार बनते हैं।
  4. सुकून और इत्मीनान: दुआ पढ़ते ही दिल में सुकून और इत्मीनान की भावना उत्पन्न होती है, जिससे घर का माहौल खुशगवार बन जाता है।
  5. सुन्नत की पैरवी: नबी करीम ﷺ की सुन्नत पर अमल करते हुए यह दुआ पढ़ना इबादत का हिस्सा बन जाता है और घर में खुशहाली लाता है।

ज़रूरी बात

दोस्तों, जैसा कि आप इस पोस्ट में घर में दाखिल होने की दुआ सीख रहे हैं, उसी तरह मैंने अपने पिछले आर्टिकल में घर से निकलने की दुआ बताई है। आपको यह दुआ भी ज़रूर सीखनी चाहिए। यह दुआ बेहद आसान है और आपको इस दुआ को दो-चार बार पढ़ने पर ही इंशा अल्लाह याद हो जाएगी।

नतीजा

आज अपने इस आर्टिकल में आपने Ghar me Dakhil Hone ki Dua तर्जुमे के साथ पढ़ी है आप इस दुआ को याद करके अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा जरूर बनाये

घर में दाखिल होने की दुआ के ज़रिए हम अल्लाह तआला से अपनी हिफाज़त और रहनुमाई की दुआ करते हैं, और इसके ज़रिए अपने दिल को सुकून और इत्मीनान फराहम करते हैं। इस दुआ को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं और अल्लाह की रहमतों से भरपूर ज़िंदगी गुज़ारें।

उम्मीद करता हूँ की आपको ये आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा आपसे गुजारिश है की आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और अपने रिश्तेदारों को भी शेयर करे ताकि वो भी इस दुआ हो याद कर सखे।

ऐसी ही और दुआ को सीखने के लिए हमें Whatsapp पर फॉलो करे।


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