Gussa Khatam Karne Ki Dua

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GUSSA KHATAM KARNE KI DUA

दोस्तों, क्या आप छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा करते हैं और अपने गुस्से से परेशान हैं? तो आज मैं आपको एक ऐसी दुआ बताने जा रहा हूँ जो आपके गुस्से को कम करने में मददगार हो सकती है। मैं आपको Gussa Khatam Karne Ki Dua हिंदी, इंग्लिश, और अरबी तर्जुमे के साथ बताऊंगा।

गुस्सा एक ऐसी केफियत है जो हमारी ज़ेहनी और जिस्मानी सेहत के लिए बहुत ही नुक़सानदेह साबित हो सकती है। गुस्से की केफियत में हमारी सोचने-समझने की सलाहियत कमज़ोर हो जाती है और हम गलत फैसला कर बैठते हैं। इसलिए आपको गुस्सा कम करने की दुआ ज़रूर याद करनी चाहिए।

इस मजमून को आखिरी तक ज़रूर पढ़ें। इंशाअल्लाह, आपको ये दुआ ज़रूर याद हो जाएगी।

इस्लाम में गुस्सा की मुज़म्मत

इस्लाम में गुस्सा करने को सख्ती से मना किया गया है। कुरआन-ओ-हदीस में गुस्सा की मुज़म्मत बयान की गई है और इससे बचने की ताकीद की गई है। हज़रत मुहम्मद ﷺ ने फरमाया, “सबसे ताक़तवर वह है जो अपने गुस्सा पर क़ाबू पाता है।”

Gussa Khatam Karne Ki Dua In Arabic

أَعُوذُ بِاللّٰہِ مِنَ الشَّيْطٰنِ الرَّجِيمِ

Gussa Kam Karne Ki Dua In Hindi

“अऊजु बिल्लाही मिनाश शैतानिर रज़ीम”

तर्जुमा:- मै शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह चाहता हूँ |

Gussa khatam Karne Ki Dua In English

A’ooju billahi minash-shaitanir-rajeem.

Translation:- I seek the refuge of Allah Almighty from the rejected Shaytan.

Gussa khatam karne ki dua

गुस्सा कम करने के लिए क़ुरानी आयत

कुरआन मजीद में कई मक़ामात पर गुस्सा पर क़ाबू पाने की हिदायत दी गई है। सुरह आल-ए-इमरान की आयत नंबर 134 में अल्लाह तआला फरमाता है: “जो ख़ुशहाली और कठिन वक्त में भी (ख़ुदा की राह पर) ख़र्च करते हैं और गुस्से को रोकते हैं और लोगों (की ख़ता) से दरगुज़र करते हैं और नेकी करने वालों से अल्लाह उलफ़त रखता है।” इस आयत की तिलावत करने से दिल में सुकून पैदा होता है और गुस्सा की शिद्दत कम हो जाती है।

खुशगवार ज़िंदगी के लिए गुस्सा पर क़ाबू

हमें अपने गुस्से पर काबू पता बेहद जरूरी है। गुस्सा के नतीजे में न सिर्फ हमारी ज़ेहनी सुकून मुतास्सिर होती है बल्कि हमारे इर्द-गिर्द लोगों के साथ भी हमारे ताल्लुकात में बिगाड़ पैदा हो सकता है। इसलिए गुस्सा कम करने की कोशिश करना हम सभी के लिए लाज़िम है।

गुस्सा पर क़ाबू पाने के फायदे

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा है, गुस्सा हमारे लिए कितना नुक़सानदेह हो सकता है, इसलिए इस पर क़ाबू पाना बेहद ज़रूरी है। गुस्से पर क़ाबू पाने के लिए गुस्सा ख़त्म करने की दुआ हमारे लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, जिससे आपकी ज़िंदगी और भी खुशगवार हो सकती है और आपके ताल्लुकात में बेहतरी आ सकती है।

आखिरी बात

उम्मीद करता हूँ कि आपको Gussa Khatam Karne Ki Dua तर्जुमे के साथ याद हो गई होगी। मेरी गुज़ारिश है कि इस मज़मून को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ज़रूर शेयर करें। इसी तरह की और भी दुआएँ सीखने के लिए हमारे Whatsapp चैनल को join करें।👉 Whatsapp

अगर आपने अभी तक हमारे पिछले मज़मून 👉 “अज़ान के बाद की दुआ” तर्जुमे के साथ नहीं पढ़ा है, तो उसे भी ज़रूर देखें और याद करें। यह आपके दीन और दुनिया दोनों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

FAQs

गुस्सा कम करने की दुआ कब पढ़ी जाए?

गुस्से की केफियत में जब भी आपको एहसास हो कि आपका गुस्सा बढ़ रहा है, फौरन यह दुआ पढ़ें।

क्या गुस्से पर क़ाबू पाने के लिए कोई मख़सूस वक़्त है?

गुस्सा कम करने की दुआ या कोई भी ज़िक्र किसी भी वक़्त किया जा सकता है, जब भी आपको गुस्सा महसूस हो।

गुस्सा कम करने के लिए कौन सी क़ुरानी आयत ज़्यादा मुफ़ीद है?

सूरह आल-ए-इमरान की आयत नंबर 134 गुस्सा कम करने के लिए बहुत मुफ़ीद है।

क्या गुस्सा कम करने के लिए रोज़ा रखना फ़ायदेमंद है?

रोज़ा रखने से हमारे अंदर सब्र पैदा होता है, जो गुस्सा कम करने में मददगार साबित होता है।


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