Maa Baap Ke Liye Dua | माँ बाप के लिए दुआ

अल्लाह की राह में शेयर करें और सदक़ा-ए-जारिया का सवाब पाएं। 💖



अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, क्या आप अपने माँ-बाप से बहुत प्यार करते हैं और उनके लिए दुआ (Maa Baap Ke Liye Dua) सीखना चाहते हैं? तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं! आज मैं आपको अपने वालिदैन के लिए एक दुआ (Dua For Parents) बताने जा रहा हूँ, जो कुरान में अल्लाह ताला ने फ़रमाई है। तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें, इंशाअल्लाह आपको ये दुआ जरूर याद हो जाएगी।

Dua For Parents

माँ-बाप वो शख्सियत हैं, जिनके बिना हमारी ज़िंदगी अधूरी है। उनकी मोहब्बत का कर्ज़ हम पूरी ज़िंदगी भी नहीं चुका सकते। आज हम जो भी मुकाम हासिल किए हुए हैं, वो सब हमारी माँ और बाप की दुआओं का ही नतीजा है।

माँ के पैरों के नीचे हमारी जन्नत है और बाप जन्नत का दरवाज़ा है, तो दोस्तों हमें अपने माँ-बाप के लिए खूब दुआ और ख़िदमत करनी चाहिए।

तो चलिए दोस्तों जल्दी से अपने माँ-बाप के लिए दुआ (Maa Baap Ke Liye Dua) करना सीखते है। 👇👇👇

Maa Baap ke liye dua

माँ बाप के लिए दुआ हिंदी में (Maa Baap Ke Liye Dua)

रब्बीर हम हुमा कमा रब्बा यानी सगीरा

तर्जुमा- या अल्लाह, मेरे माँ-बाप पर उसी तरह करम करो जैसे उन्होंने मेरे बचपन में मेरी परवरिश की थी

माँ बाप के लिए दुआ अरबी में

رَّبِّ ٱرْحَمْهُمَا كَمَا رَبَّيَانِى صَغِيرًۭا


माँ बाप के लिए दुआ इंग्लिश में

Rabbir Hum Huma Kama Rabbayani Sagira

“My Lord! Be merciful to them as they raised me when I was young.” [Quran 17:24]

(Surah Al-Isra Hindi– 17:24)

इसी तरह आप अपने वालीदैन की अच्छी सेहत के लिए 👉Dua for parents health भी सीख सकते है।

हमारे माँ-बाप का हमारे ऊपर बहुत बड़ा एहसान है, जिन्होंने हमारी ख़ुशी के लिए अपनी हर ख़ुशी क़ुर्बान की और हमारे हर दुःख-दर्द को अपना दुःख-दर्द बनाया।

माँ-बाप की दुआ ही वो ताक़त है जो हमारी हर मुश्किल आसान कर देती है, और बाप का साया वो पेड़ है जिसकी ठंडी छाँव में ज़िंदगी की हर बड़ी से बड़ी परेशानी दूर हो जाती है।

हदीस मुस्लिम: हज़रत अबू हुरैरा (रजि.) ने बताया है कि मोहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “वह आदमी रुस्वा होगा” यह लाइन उन्होंने तीन बार दोहराई. लोगों ने पूछा; “ऐ अल्लाह के रसूल यह बद्दुआ आप किसे दे रहे हैं?” पैग़ंबर मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “यह बद्दुआ उस शख्स के लिए है, जिसने अपने माँ-बाप में से दोनों को या उसमें से किसी एक को उनके बुढ़ापे की हालत में पाया और (उनकी खिदमत करके) जन्नत में दाखिल न हुआ”।

सहीह बुखारी: हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मसूद (रजि.) बयान करते हैं कि एक आदमी मोहम्मद (ﷺ) के पास आया और कहा: “या रसूलल्लाह! मैं नेक काम कौन सा करूं जिससे अल्लाह और मेरी नज़रों में प्यारा बन जाऊं?” पैगंबर मोहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “अपनी माँ की ख़िदमत करो.” वह आदमी दोबारा आया और कहा: “फिर?” मोहम्मद (ﷺ) ने फिर फरमाया: “अपनी माँ की ख़िदमत करो.” वह आदमी तीसरी बार आया और कहा: “फिर?” पैगंबर मोहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “अपनी माँ की ख़िदमत करो. फिर अगर उसके बाद भी कुछ बाकी रहे तो तेरे पिता की ख़िदमत करो”।

सहीह बुखारी: हज़रत अबू ज़र (रजि.) बयान करते हैं कि मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “जन्नत माँ के पैरों तले है”।

सहीह मुस्लिम: हज़रत अबू हुरैरा (रजि.) बयान करते हैं कि मुहम्मद (ﷺ) ने फरमाया: “तीन आदमी ऐसे हैं जिनके गुस्से से अल्लाह का गुस्सा आता है और उनकी रज़ामंदी से अल्लाह की रज़ामंदी मिलती है: माँ-बाप और नेक बादशाह”

दोस्तों जैसा की आपने ऊपर आर्टिकल में पड़ा है की हमारे माँ-बाप हमसे कितनी मोहब्बत करते है और अपने माँ-बाप के दुआ (Maa Baap Ke Liye Dua) तर्जुमे के साथ सीखी है
हमें अपने माँ-बाप के लिए खूब दुआ और खिदमत करना चाहिए या अल्लम हमें अपने वालिदैन की खिदमत करने की तौफीक आना दे।

उम्मीद करता हूँ की आपने इस आर्टिकल से कुछ सीखा होगा अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर जरूर करे सबाब हासिल करे, इसी तरह आप घर से निकलने की दुआ भी आसानी से याद कर सहते है।


अल्लाह की राह में शेयर करें और सदक़ा-ए-जारिया का सवाब पाएं। 💖
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *