Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों! अगर आप मस्जिद में दाखिल होते वक्त Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua को याद करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। आज मैं आपको मस्जिद में दाखिल होने की दुआ और उसकी फ़ज़ीलत के बारे में तफ्सील से बताऊंगा।
जैसा कि हम सब जानते हैं, मस्जिद वो अज़ीम जगह है जहाँ हम अल्लाह तआला की इबादत करते हैं और अल्लाह की रज़ा हासिल करते हैं। मस्जिद में दाखिल होने की दुआ पढ़ना नबी करीम ﷺ की सुन्नत है। इस दुआ को पढ़ने से हम शैतान से महफूज़ रहते हैं।
Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua In Arabic
اَللّٰہُمَّ افْتَحْ لِیْ اَبْوَابَ رَحْمَتِکَ
Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua In Arabic
अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका
तर्जुमा: ऐ अल्लाह; तू मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।
Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua In English
Allahhummaf-tahli Abwaba Rahmatika
O Allah, open the doors of mercy
मस्जिद में दाखिल होते वक़्त की सुन्नत
नवी करीम ﷺ का अमल
नबी करीम ﷺ मस्जिद में दाखिल होते वक्त यह दुआ पढ़ते थे और सहाबा को भी इसकी तालीम दी थी। यह सुन्नत है, और सुन्नत पर अमल करना हमारी नेकियों में इज़ाफ़ा करता है।
सहाबा ने नबी करीम ﷺ की इस सुन्नत को अपनी ज़िन्दगी में शामिल किया और अपनी औलाद को भी इसकी तालीम दी।
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ के फ़ज़ाइल
दुआ की क़ुबूलियत
इस दुआ को पढ़ने से हम अल्लाह तआला से रहमत की दुआ करते हैं, और ये दुआ की क़ुबूलियत का जरिया बनती है। अल्लाह तआला दुआ को बहुत पसंद करता है, क्योंकि बेशक अल्लाह हमसे सत्तर माँओं से ज्यादा प्यार करने वाला है।
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ और ख़वातीन
ख़वातीन के लिए भी Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua पढ़ना जरूरी है और उन्हें भी इसके आदाब का ख्याल रखना चाहिए।
औरतों का मस्जिद में दाखिल होना
औरतों का मस्जिद में दाखिल होना जाइज़ है और उनके लिए भी ये दुआ पढ़ना मुस्तहब है।
आखिरी बात
उम्मीद करता हूँ कि आपको Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua और इसकी फ़ज़ीलत समझ आ गई होगी। इस दुआ को अपने रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बनाये और इसे दूसरों तक पहुँचाने का नेक काम जरूर करें। हो सकता है कि जिन लोगों को ये दुआ याद नहीं है, वो भी आपकी वजह से दुआ को आसानी से याद कर सकें। याद रखें, एक छोटी सी दुआ भी हमारी ज़िंदगी में बरकत और रहमत का ज़रिया बन सकती है। अल्लाह हमें सभी को अपनी हिफ़ाज़त में रखे और हमें उसकी रज़ा हासिल करने की तौफ़ीक़ दे।
इसी तरह हमने घर से निकलने की दुआ तर्जुमे के साथ तफ़्सीर से बताया है आप इस दुआ को भी जरूर याद करे।