Surah Ikhlas In Hindi | सूरह इखलास: जन्नत के करीब लाने वाली सूरह
सूरह इखलास, कुरान मजीद की 112वीं सूरह है, इस सूरह के पढ़ने की बहुत ही फ़ज़ीलत है। सूरह इखलास कुरान मजीद की छोटी सी सूरह है जिसमें अल्लाह की सिफ़ात का ज़िक्र है।
सूरह इखलास पढ़ने के लिए इस मज़मून को आखिरी तक जरूर पढ़े इंशाअल्लाह आपको Surah Ikhlas in hindi तर्जुमे के साथ याद हो जाएगी।
सूरह इखलास कुरान पाक की ऐसी सूरह है जिसे 3 मर्तबा पढ़ने से 1 मर्तबा कुरान पाक पढ़ने का सवाब मिलता है।
Surah Ikhlas कुरान मजीद की बहुत ही आसान और छोटी सूरह है, जिसे कोई भी मुसलमान भाई और बहन आसानी से याद कर सकते हैं।
आज मैं आपको Surah Ikhlas in hindi, इंग्लिश और अरबी तर्जुमे के साथ बताऊंगा।
सूरह इखलास की अहमियत
सूरह इखलास कुरान मजीद की एक ऐसी अहम सूरह है जिसे पढ़ने से अल्लाह तआला हमें 1/3 (एक तिहाई) कुरान पढ़ने का सवाब देते हैं और हमारे गुनाहों को माफ कर देते हैं। सूरह इखलास की कसरत से तिलावत करने से हमारी ज़िन्दगी में बरकत और आख़िरत में जन्नत नसीब होती है।
हदीस में आया है कि रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया कि जो शख्स 10 मर्तबा सूरह इखलास पढ़ता है, उसके लिए अल्लाह तआला जन्नत में एक घर तामीर करते हैं। (Musnad Ahmed Hadith No 8869)
Surah Ikhlas In Hindi
बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम
(शुरू अल्लाह के नाम से जो बहुत बड़ा मेहरबान व निहायत रहम वाला है।)
(1)
कुल हुवल लाहू अहद
(आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है)
(2)
अल्लाहुस समद
(अल्लाह बेनियाज़ है)
(3)
लम यलिद वलम यूलद
(वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा)
(4)
वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
(और न कोई उस के बराबर है)
Surah Ikhlas In Arabic
قُلۡ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ
ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ
لَمۡ يَلِدۡ وَلَمۡ يُولَدۡ
وَلَمۡ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدُۢ
Surah Ikhlas In English
Bismillah hir rahman nir raheem
Qul huwal laahu ahad
Allah hus-samad
Lam yalid wa lam yoolad
Wa lam yakul-lahoo kufuwan ahad
सूरह इखलास कब नाजिल हुई?
सूरह इखलास उस वक्त नाजिल हुई जब मुशरिकीन-ए-मक्का ने रसूल अल्लाह ﷺ से अल्लाह के बारे में सवाल किए, जैसे कि अल्लाह कौन है, उसकी जात क्या है, कैसा है ? और क्या उसका कोई वारिस या खानदान है? ये सवालात अल्लाह की पहचान को लेकर उठाए गए थे, जो उनके मन में थे।
इन सवालों के जवाब में, अल्लाह तआला ने सूरह इखलास नाज़िल फरमाई। इस सूरह में अल्लाह ने अपनी वहदानियत का ऐसा एलान किया जो हर तरह के शक और शुबहों को खत्म कर देता है।
सूरह इखलास की तफ़्सीर
“कुल हुवा अल्लाहु अहद” की वज़ाहत
“कुल हुवा अल्लाहु अहद” का मतलब है कि अल्लाह तआला एक है, और उसका कोई शरीक नहीं है।
“अल्लाहुस समद” का मतलब
“अल्लाहुस समद” का मतलब है कि अल्लाह हर चीज़ से बे-नियाज़ है और तमाम मखलूकात उसकी मोहताज हैं।
“लम यलिद वा लम यूलद” की तफ़सील
इस आयत का मतलब है कि अल्लाह तआला न किसी का बाप है और न ही किसी का बेटा।
“वा लम याकुन लहू कुफुवन अहद” की वज़ाहत
इसका मतलब है कि अल्लाह का कोई हमसफ़र या बराबर नहीं है।
हदीसों में फज़ीलत:
- सूरह इख्लास का सवाब: नबी अक़रम ﷺ ने फरमाया कि सूरह इख्लास को एक बार पढ़ने का सवाब कुरआन के एक तिहाई हिस्से के बराबर है। (सहीह बुखारी)
- जन्नत में एक घर का वादा:: हज़रत अनस बिन मलिक (रज़ियल्लाहु ‘अन्हा) से रिवायत है कि नबी अक़रम ﷺ ने फरमाया: “जो शख्स दिन में दस बार सूरह इख्लास पढ़े, अल्लाह उसके लिए जन्नत में एक महल तैयार करेगा।” (मुसनद अहमद)
- मोहब्बत-ए-इलाही का बायस: एक सहाबी ने नबी अक़रम ﷺ से कहा कि मैं सूरह इख्लास से बहुत मोहब्बत करता हूँ, नबी ﷺ ने फरमाया: “तुम्हारी यह मोहब्बत तुम्हें जन्नत में दाखिल कर देगी।” (सहीह बुखारी)
- मुसीबत और बीमारियों से निजात: मुसीबतों और बीमारियों से शिफा के लिए सूरह इखलास की तिलावत बहुत ही मुफीद है।
- घर में बरकत और रहमत: सूरह इखलास की तिलावत से घर में बरकत आती है और अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है। इस सूरह की तिलावत से घर का माहौल रूहानी और पुर-सुकून बन जाता है।
आखिरी बात
उम्मीद करता हूँ की आपको Surah Ikhlas In Hindi का तर्जुमा पता चल गया होगा ऐसी ही और क़ुरान की सुरह हिंदी तर्जुमे के साथ पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे।
इसी तरह आप सूरह यासीन हिंदी तर्जुमे के साथ पढ़ सकते है।
अगर लिखने में हमारी तरफ से खता या कमी रह गई हो, तो आपसे इल्तिजा है कि हमारी इस्लाह फरमाएं और अल्लाह तआला से खता की माफ़ी की दुआ करे।
जज़ाकल्लाह खैर
ये भी पढ़े
Dua | Dua |
1.माँ-बाप के लिए दुआ | 2.जहन्नम से बचने की दुआ |
3.अज़ान के बाद की दुआ | 4.दुआ-ए-कुनूत (हिन्दी में) |
5.दुआ-ए-मासूरा (हिन्दी में) | 6.तस्बीह पढ़ने का तरीका |