Wuzu ke baad ki dua वुज़ू के बाद की दुआ

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नमाज़ हर मुस्लमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है और नमाज़ के लिए वुज़ू का होना बेहद जरूरी है हदीस में आता है की जो शख्स  वुज़ू शुरू होने और वुज़ू के बाद (Wuzu ke baad ki dua) की दुआ पड़ता है और अच्छे से वुज़ू करता है उसके लिए जन्नत के 8 ओ दरवाजे खोल दिए जाते है

अगर आपको wuzu ki dua की दुआ यादन हीं है, तो इंशाअल्लाह आज आपको जरूर याद हो जाएगी आज इस आर्टिकल में हम आपको Wuzu ke pahle aur baad ki dua तर्जुमे के साथ बतायेगे तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े

بِسْمِ الله

बिस्मिल्लाह (तर्ज़ुमा- अल्लाह के नाम से शुरू)

Bismillah

अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वाहदुहु ला शरीका लहू,

वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु वा रसूलुह

अल्लाहुम्मज अलनी मिनत  तव्वाबीन  वजअलनी मिनल मुत्तहिरीन

Wuzu ke baad ki dua तर्ज़ुमा- मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं है, वो अकेला है और उसका कोई शरीक नहीं है और मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ललाहो आलेहि वसल्लम अल्लाह के बंदे और रसूल  हैं |

میں دل سے اقرار کرتا ہوں کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں ،وہ اکیلا ہے ،اس کاکوئی شریک نہیں ،اور اقرار کرتا ہوں کہ بے شک محمدۖ اللہ کے بندے اور اس کے رسول ہیں، اے اللہ ! مجھے تو بہ کرنے والوں میں سے بنادے اور مجھے پاک وصاف لوگوں میں سے کردیجئے۔

Ashhadu An Laa ilaha illallahu, Wahdahu La Sharika Lahu,

Wa Ashhadu Anna Muhammadan Abduhu Wa Rasuluh

Allahummaaj Alni Minat Tawwabina Waj Alni Minal Mutatahhirin

I bear witness that there is no god but Allah, alone, without any partner, and I bear witness that Muhammad is His slave and Messenger

O Allah, make me among those who repent and make me among those who purify themselves

    • हाजी शाहिद अत्तरी अपने बअयन में बताते है की जो हमेशा वा वुज़ू  रहे अल्लाह पाक उसको ये  फजीलत अता फरमाएंगे  फरिश्ते उसकी सोहबत में रग़बत रखेंगे  कलम उसकी नेकियां लिखता रहेगा  जब सोए अल्लाह पाक कुछ फरिश्ते भेजे जो जिनो इंस के शर से उसकी हिफाजत करें  मौत उस पर आसान हो जब तक बा वजू हो अमाने इलाही में रहेगा
    • बा वुज़ू रहने से रिज़्क़ में इज़ाफ़ा होता है, एक मर्तबा एक सहाबी नवी SWT के पास आये कहने लगे की या रसूल अल्लाह रिज़्क़ की तंगी है कोई वज़ीफ़ा फताए आप SWT ने फ़रमाया बा वुज़ू रहा करो
    • बा वुज़ू रहना एक मुबारक अमल है हदीसों में बताया गया है कि अगर कोई शख्स वुजू की हालत में मरता है तो उसे शहादत का दर्जा मिल सकता है
    • वुज़ू गुनाहो को मिटाती है और दरज़ात बुलंद करती है और नुकियो को बढ़ाता है
    • हदीसों में बताया गया है कि कयामत के दिन वुजू करने वाले लोगों के चेहरे चमकेंगे

    ये कुछ फज़ीलत हैं जो बताती हैं कि वुजू करने से शारीरिक और रुहानी (ruhani) दोनों तरह की सफाई मिलती है. इसलिए हर मुसलमान को कोशिश करनी चाहिए कि वो हमेशा वुजू की हालत में रहे.

    उम्मीद कर्ता हू कि आपको ये पोस्ट पसंद आयी होगी अगर अप ऐसे हि और दुआओ को सिखना चाहते है तो Ibadat24 के सात साथ जुड़े रहे


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