Azan ke baad ki dua in hindi अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में

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Azan ke baad ki dua in hindi

अज़ान के बाद की दुआ एक अहम सुन्नत है जिसे हम सभी को याद होना बेहद जरूरी है। ये दुआ हमारे लिए अल्लाह की रजा हासिल करने और बरकतों को पाने का ज़रिया है। अक्सर हम अज़ान सुनते ही अपने काम रोक देते हैं, लेकिन अज़ान के बाद की दुआ पढ़ना भूल जाते हैं।

इस मज़मून में, मैं आपको Azan ke baad ki dua in hindi इंग्लिश, और अरबी तरज़ुमा के साथ बताऊंगा। अगर आपको यह दुआ याद नहीं है, तो चिंता न करें—इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। यहाँ आपको अज़ान के बाद की दुआ और उसका तरज़ुमा मिलेगा, ताकि आप इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना सकें।

इस मज़मून को आखिरी तक जरूर पढ़े इंशाअल्लाह आपको अज़ान के बाद की दुआ जरूर याद हो जाएगी।

बिस्मिल्लाहिर रहमानिररहीम

“अल्लाहुम्मा रब्बा हाजिहिद दावती ताम्मति वस्सला तिल कयिमती

आती मुहम्म्दानिल वासिलता वल फजिलता

वद्दरजतल रफ़ीअता वब असहू मकाम्म महमूदा

निल्ल्जी व अतहू वर जुकना  शफा अतहू

यौमल कियामती इन्नका ला तुखली फुल मियाद”

azan ke baad ki dua

तर्ज़ुमा- या अल्लाह ! ए परवरदिगार इस पूरी पुकार और कायम होने वाली नमाज़ के रब हज़रात मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को वसीला और फ़ज़ीलत और बुलंद दर्ज़ा अता फरमाया और उनको मक़ामे महमूद में खड़ा कर  जिनको तूने उनसे वादा किया और हमें क़यामत के दिन उनकी शफाअत से बहरामंद कर बेशक तू वादा खिलाफी नहीं करता

Allahumma Rabba Haazeehit Daavatee -Taammati Wassalaatil Qaa’imati, Aati Muhammada Nil-Waseelata Wal-Fazeelata, Waddarajatar-Rafee’ata, Vab’Asahoo Maqaaman Mahmooda Nil-Lajee Wa’ Attahoo, Warzuqna Shafa’Atahu Yaumal-Qiyaamati, innaka Laa Tukhliful-Mee’aad.

O Allah, Lord of this perfect call and the established prayer, grant Muhammad the intercession and the excellence, and raise him to the praised position that You have promised him, and provide us with his intercession on the Day of Judgment. Indeed, You do not fail in Your promise.

अज़ान के फ़ौरन बाद दुआ करना ज्यादा बेहतर है लेकिन अगर किसी वजह से ताख़ीर हो जाये तो बाद में दुआ पढ़ सकते है।

  • अज़ान के बाद दुआ पढ़ने से बंदे के दर्जात बुलंद होते हैं और अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है।
  • अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने से रूहानियत में इज़ाफ़ा होता है और हम अल्लाह के क़रीब होते है।
  • अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने से हमारे दिल को सुकून है।
  • दुआ पढ़ने से अल्लाह तआला की बरकतें नाज़िल होती है और ज़िन्दगी में बेहतरी आती है।
  • अज़ान के बाद का वक्त दुआ की क़ुबूलियत के लम्हों में शुमार होता है। इस वक्त मांगी गई दुआ रद्द नहीं होती।

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह

अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह

अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह

अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह

ह़य्य ‘अलस्सलाह

ह़य्य ‘अलस्सलाह

ह़य्य ‘अलल्फलाह

ह़य्य ‘अलल्फलाह

अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर

नोट:- दिन में चार बार अज़ान इस तरह की होती है जोहर, असर, मगरिब, और इशा फज़र की अज़ान में दो तकबीरे अलग होती है फज़र की अज़ान निचे दी गयी है

जोहर, असर, मगरिब, और इशा फज़र
अल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।अल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं।मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं।
मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं।मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं।
मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।
मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।
आओ नमाज़ के लिए, आओ नमाज़ के लिएआओ नमाज़ के लिए, आओ नमाज़ के लिए
आओ कामयाबी के लिए, आओ कामयाबी के लिएआओ कामयाबी के लिए, आओ कामयाबी के लिए
अल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।सोहने से बेहतर है नमाज़, सोहने से बेहतर है नमाज़
कोई इबादत के लायक नहीं सिवाय अल्लाह केअल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।
कोई इबादत के लायक नहीं सिवाय अल्लाह के
Azan Ka Tarzuma

हज़रत जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ीअल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया, “जो कोई अज़ान सुनने के बाद यह दुआ पढ़ता है, तो मेरे लिए उसका क़यामत के दिन शफ़ाअत करना वाजिब हो जाता है।” [हदीस स्रोत: बुखारी]

अज़ान के बाद की दुआ एक बहुत ही अहम और बरकत वाला अमल है जिसे हम सभी को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।

उम्मीद करता हूँ कि आपने अज़ान के बाद की दुआ तरजुमे के साथ पढ़ ली होगी। इसे याद करके अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाना न भूलें। इसी तरह, हमने पानी पीने से पहले और बाद की दुआ भी बताई है, जिसे आप आसानी से याद कर सकते हैं।

इसी तरह और भी दुआएँ सीखने के लिए allrealislam.com के साथ जुड़े रहें। यहाँ आपको हर तरह की दुआ की तालीम दी जाती है, जिससे आप अपनी इबादत को और भी बेहतर बना सकते हैं।


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