Ghar se Nikalne ki dua घर से निकलने की दुआ

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इस्लाम में हर जायज और नेक काम शुरू करने से पहले दुआ करना सुन्नत है। घर से निकलने से पहले ‘Ghar se nikalne ki dua’ पढ़ना भी बेहद जरूरी है। इस दुआ से हमें अल्लाह की हिफाज़त मिलती है और हमारे काम आसान हो जाते हैं।

इस आर्टिकल में मैं आपको ‘घर से निकलने की दुआ’ हिंदी, अंग्रेजी और अंग्रेजी तर्जुमे के साथ बताऊंगा। इसलिए आपसे गुजारिश है कि इसे आखिरी तक पढ़ें। ये एक ऐसी दुआ है जो हम सब को जरूर याद होना चाहिए|

दोस्तों, अगर आप भी घर से निकलने की दुआ सीखना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। इंशा अल्लाह, आपको यह दुआ याद हो जाएगी।

“बिस्मिल्लाह, तवक्कलतु ‘अलल्लाहि, ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह”

तर्ज़ुमा- अल्लाह के नाम के साथ  घर ने निकलता हूँ और अल्लाह ही पर मैंने भरोसा किया, गुनाहो से बचने और नेकी करने की ताकत सिर्फ अल्लाह ही की तरफ से है  ([Sahih al-Bukhari])

Bismillahi Tawakkaltu Alal  lahi La Hawla Wala Quwwata Illa Billah

English Translation: “In the name of Allah, I place my trust in Allah, and there is no power and no strength except with Allah.”

 Ghar se nikalne ki dua in English
  • आप इस दुआ को घर से निकलने से पहले पड़ ले |
  • दुआ पड़ते वक़्त आप अपना ध्यान अल्लाह की तरफ लगाए |
  • दुआ पड़ने के बाद दाएं पाऊँ से बहार निकले |
  • आप इस दुआ को आवाज़ में या दिल में पड़ सकते है |
  • अल्लाह की निगरानी में रहते हुए अपने काम को अंजाम देना: जो शख्स घर से निकलते वक्त ‘घर से निकलने की दुआ‘ पढ़ता है, वह अल्लाह की निगरानी में रहते हुए अपने काम को अंजाम देता है। जब हम यह दुआ पढ़ते हैं, तो हम यह जाहिर करते हैं कि हम अल्लाह पर भरोसा करते हैं और अपने काम को अल्लाह की निगरानी में करना चाहते हैं। इससे हमें अपने काम में आसानी और कामयाबी मिलने की ज्यादा उम्मीद होती है।
  • फरिश्तों की मदद का होना: जब हम घर से निकलते है और ये दुआ पड़ते है, तो फ़रिश्ते हमारे साथ चलते है और हमारी हिफ़ज़त करते है |
  • शैतान से हिफाज़त: शैतान एक बुरा जिन है जो हमेशा इंसान को गुमराह करने की कोशिश में लगा रहता है जब हम घर से निकलने की दुआ (Ghar se nikalne ki dua) पढ़ते है, तो अल्लाह हमें शैतान से हिफाज़त करता है |
  • हादसों से बचना: जब हम ये दुआ पढ़ते है, तो अल्लाह हमें हादसों से बचता है और अल्लाह हमारे रास्ते में आने वाली हर मुश्किल को आसान कर देता है और हमें हिफाजत में रखता है |

दुआ की अहमियत

हम सभी की ख्वाहिश होती है कि हमारी ज़िंदगी महफूज़ और पुर-सुकून गुजरे। घर से बाहर निकलते वक्त दुआ पढ़ने का मकसद ये है कि अल्लाह तआला अपने बंदे की हिफाज़त फराहम करे और हमारी ज़िंदगी को महफूज़ बनाए। ये दुआ हमें ज़ेहनी सुकून और इत्मीनान देती है और ज़िंदगी में पेश आने वाले मसाइल और मुश्किलात से निजात का ज़रिया बनती है।

घर से निकलने की दुआ बहुत छोटी और आसान दुआ है, लेकिन इसके फायदे बहुत ज्यादा है इसलिए हर मुस्लमान मर्द और औरत को चाहिए की वो घर से निकलने से पहले की (Ghar se nikalne ki dua) दुआ जरूर पढ़ले | ये दुआ आपको हिफाज़त में रखेगी और हमें अपने मक्सद में कामयाबी दिलाने में मदद करेगी और आपकी ज़िन्दगी में बरकत लाएगी

उम्मीद करता हूँ कि आपने ‘घर से निकलने की दुआ’ याद कर ली होगी। इसी तरह, आप 👉दुआ ए क़ुनूत भी आसानी से याद कर सकते हैं। दुआ ए क़ुनूत

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नोट- हम पहले ही सफर की दुआ को लिख चुके है अगर आपको सफर की दुआ याद नहीं है तो आप सफर की दुआ भी याद कर सकते हो


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