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Karz Ki Dua in Hindi | क़र्ज़ से छुटकारा पाने की असरदार दुआ

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अस्सलामु अलैकुम दोस्तों,

क्या आप क़र्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं और क़र्ज़ से छुटकारा पाने के लिए क़र्ज़ की दुआ Karz ki dua in hindi सीखना चाहते हैं? अगर आपका जबाब हाँ है , तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

इस्लाम में, ऐसी दुआएं हैं जिन्हें पढ़ना मुश्किलों में राहत और उम्मीद देता है। कर्ज की दुआ, जो खास तौर से कर्ज से छुटकारा पाने के लिए पढ़ी जाती है, अल्लाह से मदद मांगने का जरिया है ताकि वह हमें यह परेशानी दूर करने में मदद दे “बेशक अल्लाह तआला हर चीज पर क़ादिर है”|

आज मैं आपको karz se nijat ki dua हिंदी, अरबी और इंग्लिश तर्जुमे के साथ बताऊंगा। आपसे गुजारिश है कि इस आर्टिकल को आखिरी तक जरूर पढ़ें। इंशाअल्लाह, आपको यह दुआ आसानी से याद हो जाएगी।

Karz Ki Dua Kya Hai?

कर्ज की दुआ एक मक़्सूस दुआ है जो हम अल्लाह ताआला से माली मुश्किलात और कर्जों की अदाईगी के लिए मांगते है। ये दुआ हमें इस बात का एहसास दिलाती है कि अल्लाह ही सब कुछ है और वही हमारी मुश्किलात को हल कर सकता है।

बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम

अल्लाहुम्मकफ़िनी बिहलालिक, अन हरामिक व अगिन्नी बिफज्लिक अम्मन सिवाक

तर्जुमा-ऐ अल्लाह, अपने हलाल रिज़्क़ से मेरी सारी जरूरतें पूरी कर दीजिए, और मुझे हराम से बचा लीजिए। अपने फज्ल से मुझे अपनी जात के सिवा दूसरों से बेनियाज कर दीजिए।

Karz ki dua in hindi

Allahummakfini bihalalika an haramika , wa aghnini bi fadlika amman siwak

Translation: “O Allah, suffice me with what You have made lawful instead of what You have made unlawful, and enrich me with Your grace, free from need of anyone besides You.”

(Reference : Jami at-Tirmidhi 3563

karz se nizat ki dua

दुआ के पढ़ने का सही तरीका

दुआ वज़ू के साथ पढ़ना अफ़ज़ल है, और इसे अपनी दिल की गहराइयों से मांगना चाहिए। दुआ के दौरान दिल को अल्लाह की तरफ मुतवज्जह रखें और दुनियावी ख़यालात को अपने ज़हन से दूर करें।

हज़रत अली (रज़ि.) ने फ़रमाया कि उनके पास एक मुकातिब आया हुआ था। मुकातिब वह होता है जो गुलामी से रिहाई पाने के लिए अपने मालिक को पैसा देता है।

वह शख्स हज़रत अली (रज़ि.) के पास आया और बोला: “मुझसे मेरी किताबत (गुलामी से रिहाई के लिए दिए जाने वाले पैसे) अदा नहीं हो पा रही है, आप मेरी मदद करें।”

इस पर हज़रत अली (रज़ि.) ने जवाब दिया: “क्या मैं तुम्हें वो दुआ न सिखाऊं जो मुझे रसूल अल्लाह (ﷺ) ने सिखाई थी? अगर तुम पर एक बड़े पहाड़ के बराबर भी कर्ज हो, तो अल्लाह उसे तुम्हारे लिए अदा करने का जरिया बना देगा।”

वह शख्स बोला: “हां, जरूर बताइए।”

हज़रत अली (रज़ि.) ने उस वक्त यह दुआ बताई:

क़र्ज़ अदा करने की अहमियत

हमारे इस्लाम में क़र्ज़ के मसाइल को बहुत संजीदगी से लिया गया है। हदीस में आता है कि एक शख़्स का जनाज़ा पढ़ने से पहले नबी करीम ﷺ ने उसका क़र्ज़ अदा किया। इस से हमें मालूम होता है कि क़र्ज़ की अदा की अहमियत कितनी ज़्यादा है।

दुआ के साथ साथ क़र्ज़ से बचने का तरीका भी जरूर जाने |

  • ईमानदारी से काम लो: क़र्ज़ लेना और देने दोनों में ईमानदार रहो |
  • सदका करते रहो: सदका करने से रिज़्क़ में बरकत होती है |
  • हराम से बचो: हमेशा हलाल कमाओ हलाल कमाई में बरकत होती है |
  • फज़ूल खर्च से बचो: ज्यादा फ़ज़ूर खर्च करना या दिखावे के लिए खर्च करना हमें डूबा सकता है |
  • अल्लाह पर भरोसा रखो: मुश्किल वक़्त में अल्लाह पर भरोसा रखो और सब्र करो |

दोस्तों, कर्ज से छुटकारा पाने के लिए हमें अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी चाहिए और अल्लाह ताला से दुआ करनी चाहिए। अल्लाह ताला उन्हीं की मदद करता है जो खुद कोशिश करते हैं। इसलिए हमें किसी भी काम को करने के लिए पहले खुद से कोशिश करनी है और फिर अल्लाह पर पूरा भरोसा रखना है। इंशाअल्लाह, हमारी हर परेशानी अल्लाह दूर कर देगा बेशक, अल्लाह हर चीज पर कादिर है।

उम्मीद करता हूँ कि आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद Karz Ki Dua In Hindi याद कर चुके होंगे। आपसे गुज़ारिश है कि जो कुछ आपने सीखा है, उसे दूसरों के साथ भी शेयर करें ताकि वे भी इसे पढ़कर अपनी ज़िंदगी में कुछ बदलाव ला सकें। क्या पता, आपकी एक छोटी सी कोशिश किसी की ज़िंदगी को सँवार दे।

दुआ का विषयदुआ
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